Category: शिशु रोग
By: Salan Khalkho | ☺7 min read
घरेलु नुस्खे जिनकी सहायता से आप अपने बच्चे के पेट में पल रहे परजीवी (parasite) बिना किसी दवा के ही समाप्त कर सकेंगे। पेट के कीड़ों का इलाज का घरेलु उपाए (stomach worm home remedies in hindi). शिशु के पेट के कीड़े मारें प्राकृतिक तरीके से (घरेलु नुस्खे)
बच्चे के पेट के कीड़ों का संक्रमण होना आम बात है। लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इससे बच्चों का विकास रुक सकता है, यहां तक की बच्चों को कुपोषण तक हो सकता है।
ऐसा इसलिए क्योँकि पेट के कीड़े बच्चों का सारा आहार और पोषण खा जाते हैं। यही वजह है की जिन बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं उनके वजन में गिरावट देखी गयी है।
पेट में कीड़े होना एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों क अंदर ही अंदर खा जाती है।
मगर इसका पता लगाना की बच्चे के पेट में कीड़े हैं, बहुत मुश्किल काम है।
बच्चे के पेट के कीड़ों का कोई ठोस लक्षण नहीं होता है।
भारत में हुए एक अध्यन के अनुसार, भारत में हर पांच बच्चे में एक बच्चे को पेट के कीड़े का संक्रमण अवश्य होता है।
अंग्रेज़ी में इसे drenching या deworming भी कहते हैं। पेट के कीड़ों को समाप्त करने की प्रक्रिया में पेट की आंत से परजीवी (parasite) को दवा की मदद से समाप्त किया जाता है।
बच्चों के पेट के कीड़ों को समाप्त करने के लिए बहुत प्रकार के दवा बाजार में उपलब्ध हैं कुछ दवाएं डॉक्टर के prescription पे आप को मिल जायेगा तो कुछ दवाएं ऐसी हैं जिन्हे आप बिना prescription के भी खरीद सकते हैं।
मैं अपने बच्चों को कभी भी दवा देने के पक्ष में नहीं रहा। भारत में बच्चों के बीमारी से सम्बंधित हर प्रकार के घरलू नुख्से उपलब्ध हैं। इन नुस्खों का इस्तेमाल करने से अंग्रेज़ी दवा के बुरे प्रभाव से बच्चों को बचाया जा सकता है।
यहां हम आप को बताएँगे कुछ घरेलु नुस्खे जिनकी सहायता से आप अपने बच्चे के पेट में पल रहे परजीवी (parasite) बिना किसी दवा के ही समाप्त कर सकेंगे।
पेट के कीड़ों का इलाज का घरेलु उपाए (stomach worm home remedies in hindi). शिशु की आंतों में कीड़े या कृमि का संक्रमण मिट्टी में नंगे पैर चलने से, दूषित पानी में खेलने से या फिर अशुद्ध भोजन खाने से हो सकता है।
यूँ तो कीड़े बच्चों के शरीर में कहीं भी हो सकते हैं। मगर ज्यादातर ये शिशु के आंत से चिपके हुए पाए जाते हैं। इन कीड़ों को मीठा बहुत पसंद होता है।
जब बच्चे मीठा खाते हैं तो बच्चों के पीट में ये कीड़े बहुत ही कम समय में अपनी बहुत ज्यादा तादाद बढ़ा लेते हैं। जिन बच्चों के पीट में कीड़े होते हैं, वे बच्चे कुछ ही समय में कमजोर पड़ जाते हैं।
ऐसा इसलिए क्योँकि ये कीड़े बच्चों के आहार और पोषक तत्वों को निगल जाते हैं।
बच्चे के पेट के कीड़ों का संक्रमण होना आम बात है। मगर इसका पता लगाना की बच्चे के पेट में कीड़े हैं, बहुत मुश्किल काम है। बच्चे के पेट के कीड़ों का कोई ठोस लक्षण नहीं होता है।
भारत में हुए एक अध्यन के अनुसार, भारत में हर पांच बच्चे में एक बच्चे को पेट के कीड़े का संक्रमण अवश्य होता है।
शिशु की आंतों में कीड़े या कृमि का संक्रमण का इलाज करने से पहले यह कैसे जाने की आपके बच्चे के पेट में वाकई कीड़े हैं। बच्चों के पेट के कीड़ों की पहचान आप इस तरह कर सकते हैं।
बचाव सबसे बढ़िया इलाज है। बच्चों के पेट में कीड़े पड़ने से रोकने का सबसे बढ़िया तरीका है की बच्चों को गन्दगी से दूर रखें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
कुछ भी खाने से पहले बच्चों को हात धोना सिखएं। बच्चों के आहार को ढक कर रखें। सड़क किरणे मिलने वाले fast food को बच्चों को खाने को ना दें। इसके आलावा आप बच्चों के सन्दर्भ में निम्न बातों का ख्याल रख सकते हैं।
बच्चों में पेट के कीड़े गन्दगी के कारण होता है। बच्चे जमीन पर खेलते वक्त जमीन पर पड़े गंदे खिलौने मुँह में डाल लेते हैं तो कई बार मखियाँ बच्चे की शिशु आहार को जैसे की दूध, भोजन, जल आदि को दूषित कर देती हैं।
इनके द्वारा गन्दगी शिशु के पेट में पहुँचता है। गन्दगी के साथ आंत के कर्मी भी बच्चे के पेट में पहुँच जाते हैं और अंतड़ियों में घाव पैदा कर देते हैं।
जिस कारण बच्चा परेशान हो जाता है। पेट फूल जाता है, और बच्चे के हृदय की धड़कन भी बढ़ जाती है और बच्चे में भोजन के प्रति अरुचि उत्पन हो जाती है।
कई बार बच्चों के पेट में कीड़े, बच्चों द्वारा मिटटी खाने से भी हो जाता है। इसी लिए जितना हो सके बच्चों को गन्दगी से दूर रखें।
बच्चों को लहसून खिलने से आप अपने बच्चे के पेट के हर प्रकार के कीड़ों को समाप्त कर सकेंगे। लहसून (garlic) में amino acids होता है जिसमे गंधक (sulphur) होता है।
लहसून में मौजूद गंधक, पेट के हर प्रकार के सूक्षम जीवों को ख़त्म कर देता है।
जब आप बच्चों के लिए शिशु आहार त्यार करते हैं, जैसे की खिचड़ी या वेजिटेबल पुलाव, तो आप आहार बनाते वक्त उसमे लहसून का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक से दो सप्ताह में ही बच्चे के पेट के कीड़े समाप्त हो जायेंगे।
अधकच्चा पपीता बहुत ही कारगर इलाज है पेट के कीड़ों को समाप्त करने का। और तो और केवल पपीता ही नहीं वरन अधकच्चा पपीता का काला बीजा भी उतना ही कारगर है पेट के कीड़ों को समाप्त करने में।
पपीते में एक प्रकार का enzyme पाया जाता है जिसे papain कहते हैं। इसके आलावा पपीते के बीज मैं एक प्रकार का रसायन पाया जाता है जिसे caricin कहते हैं।
दोनों ही substance बच्चों के पेट के कीड़ों को समाप्त करने में कारगर है।
शिशु को अधकच्चा पपीता देते वक्त आप उसमे थोड़ा शहद और गरम पानी मिला दें। इसे आप को अपने बच्चे को सिर्फ तीन दिनों तक लगातार देना है।
इससे बच्चे के पेट के कीड़े समाप्त हो जायेंगे। बच्चे के पेट के कीड़ों को समाप्त करने के लिए आप अपने बच्चे को पपीता का बीजा पीस कर दे सकती हैं या पपीते के बीज को फलों की smoothie बना कर भी खिला सकती हैं।
तीन दिनों तक खिलाने से बच्चे के पेट के कीड़े (Stomach Worms) समाप्त हो जायेंगे।
कद्दू का बीज की एक विशेष खासियत होती है। इसे खाने से पेट में पनप रहे कीड़े ( परजीवी) निष्क्रिय पड़ जाते हैं। और मल त्याग के समय स्वतः ही शरीर से बहार आ जाते हैं।
बच्चों को कद्दू का बीज देने के लिए आप कद्दू के बीज को तवे पे या ओवन में भून लें (roast) और उसे पीस लें।
अब इसे शहद के साथ अपने बच्चे को हर दिन एक सप्ताह तक सुबह एक चम्मच खिला दें। बच्चों के पेट के कीड़ों का इलाज करते वक्त आप अपने बच्चों को laxative food जरूर खाने को दें जैसे की केला।
इससे पेट के कीड़े बच्चों के पेट से आसानी से मल के साथ बहार आ जायेंगे।
बच्चों को आनर खिलाने से या बच्चों को अनार का juice पिलाने से बच्चों को पेट के कीड़े नहीं सताते हैं। अनार के पेड़ के छाल पेट के कीड़ों के लिए जहर का काम करते हैं और बच्चों के पेट में पल रहे कीड़ों को समाप्त कर देते हैं।
आनर के पेड़ के छाल को कुछ देर पानी में खौलाएं।
इस तरह तैयार किया हुवा कड़ाह (decoction) अपने बच्चे को कुछ दिनों तक पिने को दें। अपने बच्चे को आहार में कुछ laxative food जरूर खाने को दें।
शरीर की गन्दगी और पेट के कीड़ों (Stomach Worms) को समाप्त करने के लिए नीम के पत्तों का इस्तेमाल भारत में सदियोँ से होता आ रहा है। बड़ों के लिए नीम के जो घरेलु नुस्खे हैं उन्हें आप बच्चों पे ना आज़माएँ। यह खतरनाक साबित हो सकता है।
बच्चों के पेट के कीड़ों को समाप्त करने के लिए आप नीम के फूल को सूखा कर, थोड़े से देशी घी में भून कर बच्चे को आधा चमच से भी कम मात्रा उसके आहार के साथ दे सकती हैं या आप उसे शहद के साथ खिला सकती हैं।
इसके आलावा आप 10 gram नीम की पत्तियों के रस को 10 gram shahad के साथ मिला के भी बच्चे को दे सकती हैं।
करेले के पत्ते का जूस निकल कर अपने बच्चे को गुनगुने पानी से साथ पिलायें। एक से दो बार के प्रयोग से ही बच्चे के पेट के सारे कीड़े मर जायेंगे।
अजवाइन का पाउडर लें और उतनी ही मात्रा गुड़ का भी लें। दोनों को अच्छी तरह मिला के उसका एक से दो gram का टेबलेट बना लें।
इस टेबलेट को एक साफ और airtight container में रख लें। इस टेबलेट को तीन से पांच साल के बच्चों को हर दिन तीन बार खिलाएं। कुछ ही दिन के सेवन से बच्चे के पेट के सारे कीड़े मर जायेंगे।
उप्पर दिए गए सभी विधि प्राकृतिक हैं और उनका बच्चे के शरीर पे कोई भी side-effect नहीं होगा। इनका इस्तेमाल आप हर कुछ दिनों के अंतराल पे कर सकते हैं ताकि बच्चे पेट के कीड़ों से बचे रहें।